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विद्यार्थी विवरण

Tirthankar 1.jpg

अरिहंता, असरीरा, आयरिया, उवज्झाय मुणिणो। पंचक्खरनिप्पण्णो, ओंकारो पंच परमिट्ठी ॥

अर्हंत्, अशरीरी (सिद्ध), आचार्य, उपाध्याय तथा मुनि — इन पाँचों के प्रथम अक्षरों (अ+अ+आ+उ+म) को मिलाकर ॐ (ओंकार) बनता है जो पंच-परमेष्ठी का वाचक है।

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